Sunday, August 6, 2017

दीदी

दीदी,
सुबह की नींद से मुझे जगा देना,
ना उठूँ तो एक थप्पड़ भी लगा देना,
मुझे देर से स्कूल जाना पसन्द नहीं,
दीदी, तू बस मुझे जगा देना।

और हाँ, मेरा बस्ता भी सजा देना,
टिफ़िन बॉक्स और पानी की बोतल भी डाल देना,
मुझे भूखे रहना पसन्द नहीं,
दीदी, तू बस सुबह मुझे खिला देना।

दीदी, मेरा होम वर्क भी बना देना,
मेरी कॉपी में ड्राइंग भी बना देना,
मुझे सेकण्ड आना पसन्द नहीं,
दीदी, तू बस मुझे पढ़ा देना।

दीदी, मुझे जल्दी सोने की परमिशन दिलवा देना,
और मेरे बाल सहला कर सुला भी देना,
मुझे ठंढ से कंपकपाना पसन्द नहीं,
दीदी, तू बस मुझे चादर ओढ़ा देना।

दीदी....
अब न वो नींद है,  ना वो बस्ते हैं,
मंज़िल की चाहत है और अनजान रस्ते हैं,
मुझे आपसे दूर रहना पसन्द नहीं,
दीदी, तू बस हौसला देते रहना।

दीदी, मुझमे उड़ने की ताक़त भर देना,
और गर चोट लगे तो मरहम लगा देना,
मुझे कभी  थकना पसन्द नहीं,
दीदी, तू बस मेरा साथ देते रहना।

मेरी प्यारी दीदी
                                                   आपका सौरभ

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