Monday, July 12, 2010

मै भाव सूची उन भावों की, जो बिके सदा ही बिन तोले


मै भाव सूची उन भावों की, जो बिके सदा ही बिन तोले,
तन्हाई हूँ हर उस खत की, जो पढ़ा गया है बिन बोले
हर आँसू को हर पत्थर तक, पहुँचाने की लाचार हूक,
मैं सहज अर्थ उन शब्दों का जो सुने गये हैं बिन बोले।

जो कभी नही बरसा खुल कर हर उस बादल का पानी,
लवकुश की पीर बिना बाँची, सीता की राम कहानी हूँ। 

जिनके सपनो के ताजमहल, बनने के पहले टूट गये,
जिन हाथों में दो हाथ कभी आने के पहले टूट गये,
धरती पर उनके खोने और पाने की अजब कहानी है,
किस्मत की देवी मान गये, पर प्रणय देवता रूठ गये,
मैं मैली चादर वाले उस कबिरा की अमृतवाणी हूँ

कुछ कहते हैं मैं तीखा हूँ, अपने ज़ख्मो को खुद पीकर,
कुछ कहते हैं मैं हँसता हूँ अंदर अंदर आँसू पीकर
कुछ कहते हैं मैं हूँ विरोध से उपजी एक खुद्दार विजय,
कुछ कहते हैं मै रचता हूँ खुद में मर कर खुद में जी कर
लेकिन मैं हर चतुराई की सोची समझी नादानी हूँ।
मै भाव सूची उन भावों की, जो बिके सदा ही बिन तोले....


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