कभी हँसी को ख़ुशी का पैमाना बनाया ,
तो कभी ख़ामोशी से ग़म को छुपाते रहे !
कुछ दर्द बाहर तो आये मगर ,
कुछ को सीने में दबाते रहे !
छलकते अगर आँसु तो ग़म धुल जाते ,
सो अश्कों से ही प्यास को बुझाते रहे !
जिसके जितना ही पास गए ,
सिर्फ वही हमसे दूर जाते रहे !
कुछ फरिश्तों ने बाहर से चोट पहुँचायी,
तो कुछ अन्दर ही अन्दर दिल दुखाते रहे !
फिर भी हम हँसते रहे , मुस्कुराते रहे ,
और ज़िन्दगी का गीत गाते रहे !
हम ज़िन्दगी का गीत गाते रहे !!!
No comments:
Post a Comment