इसके पार ही तो अनन्त होता है...👍
Sunday, April 10, 2011
समंदर हूँ
मैं भीड़ में घिरा तनहाइयों का समंदर हूँ ,
मैं उस शुतुरमुर्ग की तरह रेत के अन्दर हूँ ............
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