Thursday, March 31, 2011

गाँव के दुल्हन की तरह

जब चले जायेंगे लौट के सावन की तरह ,
याद आयेंगे प्रथम प्यार के चुम्बन की तरह !!
और ज़िक्र जिस दम भी छिड़ा उनकी गली में मेरा ,
जाने क्यों शर्माए वो गाँव के दुल्हन की तरह ???

No comments:

Post a Comment