इसके पार ही तो अनन्त होता है...👍
Thursday, March 31, 2011
गाँव के दुल्हन की तरह
जब चले जायेंगे लौट के सावन की तरह ,
याद आयेंगे प्रथम प्यार के चुम्बन की तरह !!
और ज़िक्र जिस दम भी छिड़ा उनकी गली में मेरा ,
जाने क्यों शर्माए वो गाँव के दुल्हन की तरह ???
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