इसके पार ही तो अनन्त होता है...👍
Wednesday, August 17, 2011
वेदना जनता क्यूँ सहती है ???
बोल दिल्ली , तू तो रानी बन गयी ,
वेदना जनता क्यूँ सहती है ,
सबके भाग्य दबा रखे हैं ,
तुने अपने कर में ,
उतरी थी जो विभा स्वर्ग से,
हुई वन्दिनी किस घर में ???
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